Shankaracharya Jayanti 2023 Quotes
भारत की संस्कृति विश्व के सबसे पुरानी और समृद्ध संस्कृतियों में से एक है। भारत में धर्म एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिसमें संस्कृति, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत समेटे होती है। शंकराचार्य जयंती भारतीय धर्म के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है जिसे हम हर साल 25 अप्रैल को मनाते हैं।
शंकराचार्य जयंती उन अनेक संतों में से एक है, जिन्होंने भारत की धार्मिक विरासत को अमिट धार्मिक ज्ञान दिया। उन्होंने अपने समय के विवेकानंद के जैसे कुछ लोगों को प्रभावित किया जो भारत की धार्मिक विरासत में अमूल्य धन हैं। शंकराचार्य जी ने भारतीय दर्शन को अपने समय में जीवंत बनाया था, और उन्होंने भारतीय दर्शन की प्रतिष्ठा को बचाया था।
भारतीय संस्कृति का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें संस्कृति के अलग-अलग धार्मिक आंदोलन एवं धर्मगुरु ने एक नई परंपरा निर्माण की है। भारतीय संस्कृति में शंकराचार्य जैसे महापुरुष का बहुत खास महत्व है। उन्होंने भारतीय धर्म एवं दर्शन को सरल एवं सुलभ बनाया। इसलिए हर साल 25 अप्रैल को शंकराचार्य जयंती के रूप में मनाया जाता है।
शंकराचार्य का जन्म केरल में हुआ था। उनका जन्म सन् 788 ईस्वी में हुआ था। उन्होंने वेदों के विवेचन के साथ-साथ उन्हें सरल एवं सुलभ बनाने की एक महान् विद्वता की। शंकराचार्य ने द्वैत एवं अद्वैत दर्शन को सुलभ तरीके से समझाया और लोगों के बीच धर्म एवं दर्शन को बड़े ही सरलता से समझाया। शंकराचार्य के जीवन में उन्होंने विविध जगह दर्शन एवं संस्कृति के अध्ययन किए।
शंकराचार्य जीवन के समस्त अध्यायों में उन्होंने सत्य और ज्ञान को बड़ी सरलता से समझाया। उन्होंने वेदों के विवेचन करते हुए द्वैत एवं अद्वैत के बीच अंतर को सरल तरीके से समझाया जिससे लोगों को धर्म के विषय में अधिक ज्ञान हासिल हुआ।इस दिन लोग शंकराचार्य के उपदेशों को याद करते हुए अपने जीवन में सत्य और ज्ञान को अपनाने की कोशिश करते हैं।
Shankaracharya Jayanti Quotes
“अलौकिक प्रतिभा, प्रकाण्ड पांडित्य एवं प्रचंड कर्मशीलता के धनी आदि शंकराचार्य जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन….।
मंदिर वही पहुंचता है जो धन्यवाद देने जाता हैं, मांगने नहीं….।” . –आदि शंकराचार्य जयंती की शुभकामनाएं
आत्मसंयम क्या है? आंखो को दुनिया की चीजों कि ओर आकर्षित न होने देना और बाहरी ताकतों को खुद से दूर रखना….। –आदि शंकराचार्य जयंती की शुभकामनाएं
आनंद उन्हें मिलता है जो आनंद कि तलाश नहीं कर रहे होते हैं….।” . – श्री आदि शंकराचार्य जयंती की ढेरो बधाईयाँ
जब मन में सच जानने की जिज्ञासा पैदा हो जाए तो दुनिया की चीजे अर्थहीन लगती हैं….।” – श्री आदि शंकराचार्य जयंती की ढेरो बधाईयाँ
सत्य की कोई भाषा नहीं है. भाषा तो सिर्फ मनुष्य द्वारा बनाई गई है, लेकिन सत्य मनुष्य का निर्माण नहीं, आविष्कार है। सत्य को बनाना या प्रमाणित नहीं करना पड़ता….। – श्री आदि शंकराचार्य जयंती की ढेरो बधाईयाँ
“वेदांत एवं उपनिषद व्याख्याता आदि शंकराचार्य जी की जयंती पर शत्-शत् नमन….।”
मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने कि तरह हैं, यह तब तक ही सच लगता है जब तक वह अज्ञान की नींद में सो रहे होते है। जब उनकी नींद खुलती है तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है….। – श्री आदि शंकराचार्य जयंती की ढेरो बधाईयाँ
तीर्थ करने के लिए किसी जगह जाने की जरूरत नहीं है। सबसे बड़ा और अच्छा तीर्थ आपका अपना मन है।जिसे विशिष्ट रूप से शुद्ध किया गया हो ….।” –आदि शंकराचार्य जयंती की शुभकामनाएं
“सनातन संस्कृति के सूत्राधार आदिगुरु शंकराचार्य जी की जयंती पर शत्-शत् नमन….।
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