Sad Shayari in Hindi
शायरी एक ऐसी कला है जिसे लोग अपने भावों को अक्सर सुलझाते हैं। विभिन्न भावों को अपनी जुबान पर लाने का यह अद्वितीय तरीका लोगों को आदर्श बना रहा है। इसमें शायर अपने मन के आवाज़ को अक्सर कठिन अल्फाज़ों के रूप में व्यक्त करता है, और ऐसी ही एक शायरी विधा है, जिसे हम “दुःखभरी शायरी” के नाम से जानते हैं। इस लेख में, हम इसी विशेष विधा के बारे में चर्चा करेंगे और इसके कुछ उदाहरण देखेंगे।
Sad shayari का महत्व: जीवन में दुःख के अनुभव हर किसी को मिलते हैं। यह जीवन का एक स्वाभाविक अंग है जिसे हमें स्वीकार करना चाहिए। इस दुःख को शायरी के माध्यम से व्यक्त करना हमारे मन को शांति और राहत प्रदान कर सकता है। दुःखभरी शायरी में अपने दर्द और उदासी को व्यक्त करके, हम साझा करते हैं कि हम अकेले नहीं हैं और हमारी भावनाओं को कोई समझता है। इस शायरी की एक खासता यह है कि इसमें गहराई, संवेदनशीलता और भावुकता छिपी होती है।
- रात की तन्हाई में अकेलापन से झूम लेते हैं, आँसू बहाने के बहाने सब रूठ लेते हैं। दिल के दर्द को कैसे बयां करें हम, एक ही उम्मीद पे सब सूरत छूम लेते हैं।
- खुद को समेट लिया था मैंने, तेरे ख्वाबों की दुनिया में खो गया। आज फिर तू याद आया है, मेरे आँचल में दर्द समेट आया है।
- मुझे तेरी याद आती रहती है, जैसे कहीं रूह का साया है। तेरी जुदाई के एहसास ने, मेरी रूह को दिल का जलना सिखा दिया है।
- दर्द एक ऐसी बीमारी है, जो जितना नामुराद करे, उतना ही मजबूत बनाती है। जब रूह में दर्द होता है, तब हर आह दिल की मौता बनाती है।
दुःखभरी शायरी वह माध्यम है जो हमारे दिल के दर्द को सुनने का और उन्हें व्यक्त करने का मौका प्रदान करता है।
Sad Shayari Image
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है,
जहां कातिल ही पूछे की हुआ क्या है…!
उठाकर फूल की पत्ती नजाकत से मसल डाली,
इशारे से कहा हम दिल का ऐसा हाल करते हैं…!
कोशिश तो बहुत करता हु खुश रहने की पर,
नसीब में ही खुशियां ना लिखी हो तो क्या करू…!
करनी नही आती तुम्हे मोहब्बत फिर भी करते हो,
पाना भी नही चाहते और खोने से डरते हो…!
लगा कर इश्क की बाजी सुना है रूठ बैठे हो,
मोहब्बत मार डालेगी अभी तुम फूल जैसे हो…!
मुझे इसलिए बनाया उस भगवान ने,
क्योंकि वो देखना चाहते थे,
इंसान किस हद तक दर्द सह सकता है…!
घड़ी की टिक टिक को मामूली ना समझें,
ज़िंदगी के दरख़्त पर कुल्हाड़ी के वार हैं…!
राह देखेंगे तेरी चाहे ज़माने लग जाए,
या तू आ जाए या हम ही ठिकाने लग जाए…!
तुमपर भी यकीन है, और मौत पर भी एतबार है,
देखते है पहले कौन मिलता है, हमे दोनो का इंतजार है…!
खाकर ठोकर ज़माने की, फिर लौट आए मैखाने में,
मुझे देख कर मेरे गम बोले बड़ी देर लगा दी आने में…!
ग़म तो जनाब फ़ुरसत का शौक़ है,
ख़ुशी में वक्त ही कहाँ मिलता है….गिरा दो आसमाँ, पता तो चले,
ये बस भरम है कि कुछ और भी है…न रुकी वक़्त की गर्दिश, न ज़माना बदला,
पेड़ सूखा तो परिंदो ने ठिकाना बदला..
आँसू आ जाते है रोने से पहले, ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले, लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है, काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।
ए नसीब जरा एक बात तो बता, तू सबको आज़माता है या मुझसे ही दुश्मनी है।।
सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें, किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें, फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा, तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।
सिर्फ सहने वाला ही जानता है, की दर्द कितना गहरा है।।
अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी है, सवाल भी खुद के होते है और जवाब भी खुद के।
कुछ रिश्ते आजकल उस रास्ते पर जा रहे हैं, न साथ छोड़ रहे हैं, और न ही साथ निभा पा रहे हैं…।
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है! जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है! दिल टूटकर बिखरता है इस कदर! जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!
वो खुद एक सवाल बन के रह गया, जो मेरी पूरी ज़िन्दगी का जवाब था।
दर्द को दर्द अब होने लगा है, दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है, अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा, क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है. ।
मोहब्बत की आजतक बस दो ही बातें अधूरी रही, एक मै तुझे बता नही पाया, और दूसरी तुम समझ नही पाये.. ।
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