भारतीय संस्कृति में गुरु का महत्व हमेशा से ही ऊँचा रहा है। हमारी पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों में गुरु को सबसे महान आदर्श माना जाता है। गुरु की महिमा को दिखाने और उन्हें सम्मानित करने के लिए हर साल ‘Guru Purnima’ का त्योहार मनाया जाता है। यह उत्सव शिक्षा की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है और छात्रों को गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने का मौका देता है। इस लेख में हम गुरु पूर्णिमा के बारे में विस्तार से जानेंगे और इसके महत्व को समझेंगे।
Guru Purnima को भारतीय अकादमिक वर्ष के पहले पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार अषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है। इस दिन छात्र अपने गुरुओं को प्रणाम करते हैं और उन्हें वंदन करते हैं। यह त्योहार गुरुओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है।
गुरु का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। गुरु हमें ज्ञान का स्रोत प्रदान करते हैं और हमारे मार्गदर्शक होते हैं। गुरु के बिना कोई भी विद्या या ज्ञान सम्भव नहीं होता। उनके द्वारा हमें सच्ची प्रशासनिक क्षमता, आचार्य से गुणों की प्राप्ति, आत्म-विश्वास, सही मार्ग पर चलने की क्षमता और सामाजिक मूल्यों की समझ सिखाई जाती है। गुरु का महत्व सिर्फ अकादमिक शिक्षा तक ही सीमित नहीं होता, वरन् व्यक्तित्व विकास और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में भी अपार होता है।
Guru Purnima के दिन छात्र अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। वे उन्हें धन्यवाद देते हैं और अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह त्योहार छात्रों को गुरुओं के प्रति अपनी समर्पण और आदर्शों को पुनर्जीवित करने का अवसर देता है। गुरु पूर्णिमा के दिन छात्र अपनी बुराईयों को छोड़कर नई सोच और नई ऊर्जा के साथ अपने गुरु के पास जाते हैं। यह एक संगठनात्मक और उद्यमी भावना का दिन होता है।
Guru Purnima Quotes
गुरु को पारस जानिए, करे लौह को स्वर्ण शिष्य और गुरू जगत में, केवल दो ही वर्ण।
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते शब्द-शब्द का अर्थ बताते, कभी प्यार से कभी डांट से, जीवन जीना हमें सिखाते।
यदि शिष्य को गुरु पर पूर्ण विश्वास हो तो उसका बुरा स्वयं गुरु भी नहीं कर सकते।
तुमने जो हमको दिया ज्ञान, है वही बढ़ाना सदा मान है देश धर्म की ये पुकार हे गुरु जी तुमको नमस्कार।
गुरु की महिमा न्यारी है, अज्ञानता को दूर करके. ज्ञान की ज्योत जलाई है, गुरु की महिमा न्यारी है।
गुरु बिना ज्ञान नहीं, ज्ञान बिना आत्मा नहीं, ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म सब गुरु की ही देन है।
गुरु को पारस जानिए, करे लौह को स्वर्ण शिष्य और गुरु जगत में, केवल दो ही वर्ण।
माता-पिता ने जन्म दिया पर गुरु ने जीने की कला सिखाई ज्ञान चरित्र और संस्कार की हमने शिक्षा पाई।
माता-पिता ने जन्म दिया पर गुरु ने जीने की कला सिखाई ज्ञान चरित्र और संस्कार की हमने शिक्षा पाई।
शब्दों का असर समझाना उनका काम है, ज्ञान के दीप से जीवन में प्रकाश लाना उनका काम है।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुरेव परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।।
धरती कहती, अंबर कहते, बस यही तराना, गुरु आप ही वो पावन नूर हैं जिनसे रौशन हुआ जमाना। गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं!
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय।। गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
यदि गुरू अयोग्य शिष्य चुने तो उससे गुरू की बुद्धिहीनता ही प्रकट होती है. -कालिदास गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
अमृत और मृत्यु दोनों इस शरीर में ही स्थित हैं। मनुष्य मोह से मृत्यु को और सत्य से अमृत को प्राप्त होता है। गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं!!
गुरु बिन ज्ञान नहीं ज्ञान बिन आत्मा नहीं ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म सब गुरु की ही देन हैं शुभ गुरु पूर्णिमा
गुरु आपके उपकार का, कैसे चुकाऊँ मैं मोल ? लाख कीमती धन भला है गुरु मेरा अनमोल गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
गुरु की महिमा है अगम, गाकर तरता शिष्य गुरु कल का अनुमान कर, गढ़ता आज भविष्य गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
एक सामान्य व्यक्ति को बौद्धिक और आध्यात्मिक गुणों से पूर्ण कर श्रेष्ठ मानव बनाने की क्षमता एक गुरु में ही होती है।
सभी गुरु को नमन करने की पावन पर्व गुरु पूर्णिमा की अनंत शुभकामना एवं बधाई।
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