Bewafa Shayari In Hindi
शायरी की दुनिया में एक ऐसा रंग है जो हमेशा से ही अद्वितीय रहा है। जब बात आती है बेवफाई की, तो शायरी इसके दर्द को और गहराती है, हर उस आशिक़ के दिल में जिसने कभी बेवफ़ाई के साथ जूझा हो। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको “Bewafa Shayari
( बेवफा शायरी ) ” के बारे में बताने जा रहे हैं। यह शायरी हमें उन अहसासों की याद दिलाती है, जो हमेशा जीवित रहेंगे।
बेवफ़ाई का दर्द: जब हम इश्क़ में पड़ते हैं, तो हम दूसरे इंसान को अपने दिल का सबसे नजदीकी भाग बना लेते हैं। लेकिन बेवफ़ाई के लम्हों में, हमारे दिल को दर्द का अहसास होता है। यह दर्द हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमें एक नया तजुर्बा सिखाता है। इसी दर्द को व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है बेवफ़ा शायरी।
बेवफा शायरी के रंग:
- दर्द भरी भूलें: इस शायरी में, लेखक अपने आप को जीवन की कठिनाइयों और दुःखभरे लम्हों का सामर्थ्य प्रदान करता है। वह अपने प्यार की बेवफाई की भूल करने की कोशिश करता है और उसे याद करने की कवायद में होता है।
- दर्दनाक रूपरेखा: यह शायरी व्यक्तिगत दुःख, विरह और तन्हाई के भावों को सुंदरता के साथ व्यक्त करती है। लेखक अपने आप को अकेलापन के बीच पाता है और व्यक्त करता है कि कैसे वे अपनी खोई हुई मोहब्बत की यादों में खोए हुए हैं।
- अनगिनत आशा और आराम: यह रंग प्रेम की आशा, उम्मीद और सुख के विषय पर ध्यान केंद्रित करता है। लेखक अपने प्यार के लिए एक नया आराम का आदेश करता है, उम्मीद का ध्यान देता है और एक बेवफा की तुलना में एक नया स्वरूप ताकत देता है।
जब हम शायरी की दुनिया में खो जाते हैं, तो हमें इसकी खूबसूरती, उम्दगी और गहराई समझने में मदद मिलती है।
Dard Bhari Bewafa Shayari Image
मत करना इश्क, बहुत झमेले हैं,
हस्ते साथ ही हैं और रोते अकेले है..!!!
दफन थी उसमे पहले से ही किसी की मोहब्बत,
हां मुझे इश्क हुआ था किसी कब्र से..!!!
दो आंखो में दो ही आँसू, एक तेरी वजह से, एक तेरी खातिर..!!!
दीवारे सुन लेती है चीखे मेरी,
बस कुछ अपने बहरे बने बैठे हैं..!!!
वो भी बदल गई जो कहती थी,
मैं सबके जैसी नहीं हू..!!!
आग लगे मेरे ऐसे खयालों में,
जो उस बेवफा की यादों से होकर गुजरे थे…!!!
क्या कीजिए अब किस्सा बहुत पुराना हो गया,
उस बेवफा को देखे एक ज़माना हो गया…!!!
जबसे वो मेरा हमदर्द रूठा है,
भरोसा भी खो बैठा हूं, दिल भी टूटा है…!!
दिल भी तोड़ा तो सलीक़े से न तोड़ा तुम ने,
बेवफ़ाई के भी अदब हुआ करते हैं।
तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें,
हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया ।
दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत,
शुक्र है की यार ही बेवफा निकला !
तुम्हारी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
मैं बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगा !
हमने उन्हें वफा का आइना क्या दिखाया,
उन्होंने तो हमे ही बेवफा कह दिया।
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी।
दुनिया वालों का भी अजीब दस्तूर है,
बेवफाई मेहबूब से मिलती है,
और बेवफा मोहब्बत बन जाती है।
मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला,
अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता।
अपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थी,
वर्ना हमको था मालूम कि तुम बेवफा हो जाओगे।
बिखरा वज़ूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ…
कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत।
मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है,
खुद बेवफा होकर मुझसे वफ़ा मांग रहा है।
चले जाने दो बेवफा को किसी और की बाहों में,
जो मेरा ना हो सका वो किसी और का क्या होगा।
मुझे सिर्फ इतना बता दो क्या चाहते हो… सच’ में मोहब्बत है या वक़्त बिताना चाहते हो।
चर्चा हो रही थी मोहब्बत लिखने वालो की स्याही भटक गयी तेरा नाम लिखते लिखते।
जरूरत थी जो ख़त्म हो गयी अगर मोहब्बत होती , तो अभी तक रहती।
Hindi Bewafa Shayari
जब जरुरत बदलती है तो लोगो के बात करने का तरीका ही बदल जाता है ..
वो साथ थी तो मानो जन्नत थी जिंदगी दोस्तों , अब तो हर सांस जिन्दा रहने की वजह पूछती है।
मेरी निगाहों में बहने वाला ये आवारा से अश्क पूछ रहे है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह।
हम चाहते तो कब का उन्हें मना लेते मगर वो रूठा नहीं बदल गया था
हमारी तबियत भी न जान सके हमे बेहाल देखकर, और हम कुछ न बता सके उन्हें खुशहाल देखकर।
“रो पड़ा है आसमा भी मेरी वफ़ा को देख कर देख तेरी बेवफाई की बात बादलों तक जा पहुंची।”
“सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने, हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है।”
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